विधानसभा मंडप में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के नजदीक मिले विस्फोटक को आतंकी साजिश का हिस्सा बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से कराई जाएगी। शुक्रवार को प्रश्नोत्तर शुरू से पहले मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में विधानभवन की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध पर गंभीर चिंता जताते हुए इसको प्रदेश की 22 करोड़ जनता से जुड़ा मामला बताया। कहा कि इसके रहस्योद्घाटन में सबको सहयोग करना चाहिए। सुरक्षा केवल सरकार की नहीं वरन सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि आखिर वो कौन लोग हैं जिन्होंने विस्फोटक को यहां तक पहुंचाया? यह खतरनाक प्रवृत्ति है। किसी को सुरक्षा में खिलवाड़ न करने दिया जाएगा। किसी को भी सुरक्षा जांच कराने में शर्म नहीं आनी चाहिए। उन्होने बताया कि वह पहली बार विधान भवन आए तो अचरज लगा क्योंकि विधानसभा सदस्यों से ज्यादा अन्य लोग इधर उधर घूम रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि 12 जुलाई सुबह नेता विरोधी की सीट के निकट संदिग्ध पाउडर वाली पुड़िया मिली, जिसे जांच के लिए भेजा गया तो पता चला कि यह एक खतरनाक पीईटीएन विस्फोटक है। यह पाउडर 150 ग्राम था, मात्र काफी कम थी लेकिन, इतना विस्फोटक विधान मंडप नष्ट करने के लिए पर्याप्त है। अगर 500 ग्राम होता तो समूचा विधानभवन ही ध्वस्त हो जाता।
आतंकी साया पहुँचा उत्तर प्रदेश विधानसभा तक , सुरक्षा में भारी चूक के चलते विस्फोटक पहुँचा विधानभवन तक।
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