जन्माष्टमी पर श्रद्धालु श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर सुबह पांच से रात डेढ़ बजे तक ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान दिन भर लीलाओं का आयोजन किया जाएगा। इस दिन जन्मभूमि के सभी मंदिर खुले रहेंगे। जन्मभूमि पर आम दिनों में श्रद्धालु सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम चार बजे से रात साढ़े नौ बजे तक दर्शन कर सकते हैं, लेकिन जन्माष्टमी पर श्रद्धालु सुबह से रात डेढ़ बजे तक दर्शन कर सकेंगे। जन्माष्टमी महोत्सव 15 अगस्त को मनाया जाएगा। मंगला आरती होगी और सुबह नौ बजे से ठाकुरजी को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास महाराज और काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज के सानिध्य में लीलामंच पर पुष्पांजलि कार्यक्रम होगा। कीर्ति किशोरी के भजन वातावरण में श्रद्धा की मिठास घोलेंगे। इस दिन जन्मभूमि का महत्व बैकुंठ से भी अधिक हो जाता है। शाम पांच बजे भरतपुर गेट से शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई गेट नंबर दो से जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेगी। जन्म महाभिषेक का मुख्य एवं अलौकिक कार्यक्रम रात 11 बजे से श्रीगणोश नवग्रह आदि पूजन से होगा। रात 12 बजे भगवान का प्राकट्य होगा। संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल, नगाड़े, मृदंग आदि बज उठेंगे। इसी के साथ महाआरती भी हो होगी।
जन्माष्टमी पर दिन भर होंगे श्री कृष्ण जन्म भूमि के दर्शन
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