मथुरा में अजन्मे के जन्म के उत्सव की तैयारी शुरू हो गईं हैं। जन्मभूमि में लल्ला के जन्म का अभिषेक सोने-चांदी से निर्मित कामधेनु करेगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान सचिव कपिल शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि प्रभु का परिसर कलात्मक रूप से सजाया-सँवारा जा रहा है। जन्मस्थान की गरिमा एवं भक्तों की भावनाओं के अनुरूप नयनाभिराम बनेगी। गर्भगृह की साज सज़्ज़ा मन को आह्लादित करेगी । प्राचीन वास्तु के अनुरूप गर्भगृह का भीतरी भाग सजेगा। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाएं भक्तों को मुग्ध करेंगी। भागवत भवन के प्रवेश द्वारों पर भगवान की लीलाओं के दर्शन होंगे। भागवत भवन में राधा कृष्ण गर्भगृह पुष्पों से सजेगा। भागवत भवन में प्राचीन शैली में भव्य नील मयूर-कुंज में विराजमान ठाकुर जी अत्यंत ही मनोहारी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। सोने चांदी से बनी कामधेनु गाय प्रभु का अभिषेक करेगी । जन्मोत्सव के कार्यक्रम में 14 अगस्त को शाम 6 बजे केशवदेव मंदिर से संत- भक्त ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे संग संकीर्तन करते हुए भगवान राधाकृष्ण की पोशाक अर्पित करने जाएंगे। शाम 6:15 बजे जन्मोत्सव की पोषाक के एवं रजत कमल-पुष्प के दर्शन होंगे। ठाकुर जी रेशम, जरी, सिल्क एवं रत्न प्रतिकृति से बनी कुसुम वेलि पोषाक धारण करेंगे। 15 अगस्त को प्रात: मंगला-दर्शन से पूर्व भगवान यही पोशाक धारण कर दर्शन देंगे। 15 को प्रात: शहनाई,नगाड़ों की ध्वनि के बीच मंगला आरती होगी। इसके बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक व पुष्पार्चन संग होगा। प्रात: 10 बजे श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत श्रीनृत्यगोपाल दास, काष्र्णि स्वामी गुरुशरणानंद के सानिध्य में लीलामंच पर पुष्पांजलि होगी। जन्म महाभिषेक 15 अगस्त को रात्रि 11 बजे श्रीगणोश-नवग्रह आदि पूजन से शुरू होगा। रात्रि 12:00 बजे प्राकट्य के परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे, मृदंग बजेंगे एवं हरिबोल एवं करतल ध्वनि के साथ नाच उठेंगे असंख्य भक्त। महाआरती 12:10 बजे तक चलेगी। जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक होंगे।