भारत में 40 हजार अवैध रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश, म्यांमार भेजे जाएंगे

0

नई दिल्ली : देश की आंतरिक सुरक्षा हेतु भारत सरकार ने एक अहम् फैसला लेते हुए देश में अवैध रूप से बसे 40 हजार रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश और म्यांमार भेजने की तैयारी में है। इसके लिये केंद्र ने राज्य सरकारों को एक टास्क फोर्स गठित करने को कहा है। भारत में रोहिंग्या मुसलमान अधिकांशत: जम्मू, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हैदराबाद और राजस्थान में रहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रलय के प्रवक्ता केएस धातवालिया ने शुक्रवार को बताया कि भारत सरकार के मुताबिक भारत में रह रहे केवल 14 हजार रो¨हग्या मुसलमानों संयुक्त राष्ट्र ने शरणार्थी संस्था ने पंजीकृत किया है। इससे भारत में दशकों से रह रहे बाकी रोहिंग्या मुसलमान अवैध माने जाएंगे। इसलिए उन सभी अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को अब भारत से बेदखल किया जाएगा। दरअसल, भारत ने संयुक्त राष्ट्र कंवेंशन में शरणार्थियों को लेकर कोई दस्तखत नहीं किये हैं, इसलिये देश में शरणार्थियों पर कोई राष्ट्रीय कानून भी नहीं है। धातवालिया ने बताया कि इस मुद्दे के इन पहलुओं पर कूटनीतिक स्तर पर बांग्लादेश और म्यांमार दोनों से ही बातचीत जारी है। समय आने पर इसे लेकर स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने विगत बुधवार को संसद में बताया था कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जिला स्तर पर अवैध विदेशी नागरिकों को पहचानने और उन्हें देश से बाहर भेजने के लिये टास्क फोर्स गठित करने को कहा है। हाल ही में रिजिजू म्यांमार दौरे पर भी गये थे। बताया जाता है कि 1990 के शुरुआती दशक में सुन्नी इस्लाम को मानने वाले लाखों रोहिंग्या मुसलमान बौद्ध बहुल म्यांमार से पड़ोसी देश बांग्लादेश में घुस आए। और तब बांग्लादेश से लगी सीमा के चलते वह हजारों की तादाद में रोहिंग्या मुसलमान बड़ी आसानी से भारत में अवैध रूप से घुस आए थे।
लेकिन इतनी बड़ी संख्या में प्रवेश कर चुके घुसपैठियों को बाहर कर पाना भी इतना आसान नहीं होगा। भारत में रहते इन लोगों को 27 वर्ष हो चुकें हैं और इन्होने अपनी रिश्तेदारियां भी देश के नागरिकों से जोड़ ली है। अधिकांशतः के आधार कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक है ऐसे में इनकी पहचान कर पाना एक बड़ी चिंता का विषय है। नकली नोटों की तस्करी के सिलसिले में मथुरा में भी एक अवैध घुसपैठियें की शिनाख्त हुई थी जिसके पास आधार कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक था और उसने कई रिश्तेदारियां यहाँ के निवासियों से जोड़ ली थी।

Share.

About Author

Comments are closed.