इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी तीन दिन की होगी , भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान कृष्ण का जन्म मनाया जाएगा । हालांकि इस बार रोहिणी नक्षत्र के योग से तीन दिनों की जन्माष्टमी का संयोग है। जानिए कैसे
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। परम्परा के मुताबिक हर साल इस विशेष तिथि पर जन्मोत्सव मनाया जाएगा, लेकिन इस बार नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है। जब नक्षत्र है तब अष्टमी तिथि नहीं और जब तिथि है तब नक्षत्र नहीं। असमंजस की स्थिति में इस बार तीन दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस असमंजस को लेकर ज्योतिष विद्वानों ने 14 अगस्त को गृहस्थों के लिए कृष्ण जन्मोत्सव व्रत को शुभ फलदायी बताया है।
पटना के प्रमुख ज्योतिष विद्वान दैवज्ञ श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक 5 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब बगैर रोहिणी नक्षत्र के जन्माष्टमी मनाएंगे। इस साल भगवान श्रीकृष्ण के 5244वें जन्मोत्सव पर रोहिणी नक्षत्र नहीं पड़ रही है। 14 अगस्त 5.40 बजे अष्टमी तिथि लग रही है जो 15 अगस्त शाम 3.26 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र 16 अगस्त को है। 15 अगस्त की रात कृष्ण जन्म के समय न तो अष्टमी तिथि होगी न ही रोहिणी नक्षत्र। भरणी और कृतिका नक्षत्र के योग में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी कारण असमंजस है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि गृहस्थ के लिए 14 को व्रत रखना है, जबकि वैष्णव समुदाय में 15 और 16 अगस्त को लेकर भ्रम की स्थिति है क्योंकि वह रोहिणी नक्षत्र को अधिक महत्व देते हैं।
अपनी राशि के मुताबिक कृष्ण को ऐसे करें प्रसन्न
मेष:
गाय को मीठी वस्तु खिलाकर कृष्ण का पूजन करें, ऊं कमलनाथाय नम: का जाप करें।
वृष:
वाले दूध और दही से कृष्ण का भोग लगाएं, ऊं वासुदेवाय नम: का जाप करें।
मिथुन:
गाय को हरी घास या पालक खिलाएं और मिश्री का भोग लगाकर कृष्ण का पूजन करें, ऊं गोविन्दाय नम: का जाप करें।
कर्क:
जन्मअष्टमी के दिन आटे में मिश्री मिलाकर कृष्ण को भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें, ऊं हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम: का जाप करें।
सिंह:
कृष्ण को मीठे चावल का भोग लगाकर पूजन करें, ऊं क्लीं जगधराये नम: का जाप करें।
कन्या:
केसर मिश्रित दूध का भोग लगाकर कृष्ण का पूजन करें और गाय को रोटी खिलाएं। ऊं पीतम्बराय नम: का जाप करें।
तुला:
गाय को पके चावल खिलाएं और कृष्ण को फलों का भोग लगाकर पूजन करें, ऊं श्री उपेन्द्राय अच्युत्ताय नम: का जाप करें।
वृश्चिक:
आटे में पनीर भरकर गाय को खिलाएं और केसरिया चावलों का कृष्ण को भोग लगाएं, ऊं श्री वत्सले नम: का जाप करें।
धनु:
मीठे हलवे से कृष्ण को भोग लगाकर पूजन करें, ऊं श्री देवकृष्णाय नम: उध्र्वदन्ताय नम: का जाप करें।
मकर:
चने की दाल में काली मिर्च मिलाकर कृष्ण को भोग लगाकर पूजन अर्चन करें, ऊं नारायण सुरसिंधे नम: का जाप करें।
कुम्भ:
गाय को जौ आटा खिलाएं और कृष्ण को हलवा पूड़ी का भोग लगाकर पूजन करें, ऊं लीला धाराय नम: का जाप करें।
मीन:
छोटे-2 बच्चों को बॉसुरी उपहार में दें और कृष्ण को पीले वस्त्रों से सजाकर लड्डुओं का भोग लगाकर पूजन करें। ऊं देवकी-नंदनाय नम: का जाप करें।