बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर निलंबित प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्र ने दिया पद से इस्तीफा , मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई थी 63 मौतें।

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गोरखपुर : राज्य सरकार ने गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 48 मौतें होने के जिम्मेदार वहां के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्र को मानते हुए उन्हें पद से निलंबित कर दिया। प्रधानाचार्य पर सरकार ने लापरवाही का आरोप लगाया है लेकिन सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि इन मौतों की वजह ऑक्सीजन की कमी रही। इस बीच अस्पताल में शनिवार देर रात तक नौ मासूमों सहित 12 लोगों की और मौत हो गई। इस तरह से कुल मरने वालों की संख्या 63 हो गई है। हादसे की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना की जानकारी लेने गोरखपुर भेजा।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, कमीशनखोरी, मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य की पत्नी के दखल आदि तमाम आरोपों के बीच राज्य सरकार शनिवार सुबह हरकत में आई और मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को अपने आवास पर बुलाकर उन्हें तत्काल गोरखपुर जाने का आदेश दिया। दोनों मंत्रियों ने शाम को वहां से आकर अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन के साथ संयुक्तरूप से प्रेस कांफ्रेस की।
योगी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। पहली नजर में प्रधानाचार्य की लापरवाही सामने आई है, इसलिए उन्हें सस्पेंड किया गया है। यह कहे जाने पर कि प्रधानाचार्य ने तो इस्तीफा दे दिया, योगी बिफर गए और कहा कि सस्पेंड करने के बाद इस्तीफे का आधार नहीं बनता। यह पूछे जाने पर कि ऑक्सीजन से मौतें नहीं हुई तो कार्रवाई क्यों, इस पर मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का भुगतान रोकने की वजह से उन्हें सस्पेंड किया गया।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी की भूमिका की जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देगी। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वह पूरे मामले की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजेंगी।इस बीच शनिवार को गोरखपुर में इस घटना को लेकर दिनभर सरगर्मी बनी रही। मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे, उधर, मृतकों के घरवालों का विलाप सुनाई पड़ता रहा। अधिकारियों के बीच भी अफरातफरी नजर आई।

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