नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने कार्यकाल के चौथे उदबोधन में बीते तीन साल का हिसाब-किताब तो दिया ही साथ ही आने वाले भविष्य का खाका भी खींच दिया । उन्होंने कश्मीर जैसे अहम आंतरिक मसले को सुलझाने के साथ-साथ हर मोर्चे पर न्यू इंडिया के निर्माण की नींव रखने तक का संदेश दिया। अब तक के सबसे छोटे भाषण में उन्होंने मुख्यत: उन बिंदुओं को छुआ जो सीधे तौर पर जनसामान्य से जुड़े हैं। समाज में एकजुटता का संदेश देते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तो यह अहसास भी करा दिया कि देश निर्माण में हर किसी का योगदान जरूरी होगा। प्रधानमंत्री के सम्बोधन में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत की घटना ऊपर थी जिसने पूरे देश को हिला दिया है। उन्होंने सवा सौ करोड़ लोगों की संवेदनाएं जाहिर करते हुए भरोसा दिलाया पूरा भारत पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। वहीं आंतरिक चुनौतियों में कश्मीर ऊपर था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की समस्या सुलझाने के मकसद से लोगों से सीधे संवाद का बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। मोदी ने कहा कि न गाली से, न गोली से बल्कि बातचीत और गले लगाने से कश्मीर समस्या का हल निकलेगा। लकिले पर तिरंगा लहराने के बाद अपने चिरपरिचित हाफ बाजू के कुर्ते और सिर पर लाल और पीले रंग की राजस्थानी पगड़ी पहने मोदी ने सीधे संवाद के अंदाज में देश को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने माँगे और पांच साल कहा अगले पांच साल में होगा नए भारत का आगाज
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