गणेश चतुर्थी पर भक्तों ने गजानन की स्थापना कर घरों में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। मंदिरों में सुबह अभिषेक और शाम को श्रंगार दर्शन हुए। सुबह से देर रात तक प्रथम पूज्यनीय भगवान श्री गणेश की जय-जयकार होती रही। घर-घर, सार्वजनिक स्थल, मंदिरों में गणोशजी प्रतिमाएं बैडबाजों के साथ स्थापित की गईं। धार्मिक संस्थाओं और स्कूलों में भी गणोश उत्सव धूमधाम से मनाया गया। हर तरफ हर्ष और उल्लास छाया रहा।
गाजेबाजे के साथ विराजे पार्वती नंदन गणेश , चहुंओर छाया उल्लास
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