राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हो या भाजपा , सबकी निगाहें 2019 और 2022 के चुनावों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्ष 2022 तक नए भारत के निर्माण का नारा दे चुके हैं। मगर हकीकत यही है कि वृंदावन के केशव धाम में शुरू हुई संघ की तीन दिनी समन्वय बैठक में नारा तो नए भारत के निर्माण का है, मगर निगाहें कुछ और ही बयान करती है। वर्ष 2019 में देश में आम चुनाव होने हैं और बदले समय की बदली परिस्थितियों में संघ कोई रिस्क लेना नहीं चाहता। संघ जानता है कि अपने एजेंडे पर आगे बढ़ने को देश में राजनैतिक अनुकूलता के हालात बेहद जरूरी हैं। एक ओर भाजपा मिशन 2019 की तैयारी में जुट गई है तो दूसरी ओर संघ ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार करने का संकल्प उठा लिया है।
आरएसएस की समन्वय बैठक में 2019 से 2022 तक पर हुई चर्चा
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