इन्द्र देव कान्हा की नगरी मथुरा से रुष्ट हैं। यदा कदा बारिश को छोड़ दिया जाए तो मथुरा में बारिश सामान्य से बहुत कम हुई है। योगी सरकार सितम्बर माह के पहले पखवाड़े में बारिश के इंतजार में है और इसीलिए सूखा प्रभावित जिलों की घोषणा नहीं कर रही है। वर्षा की कमी से खरीफ की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेज दी है, जिसके अनुसार मथुरा अति सूखा प्रभावित जिलों में है। जिलाधिकारी ने शासन को वर्षा और फसलों के नुकसान की सर्वे रिपोर्ट जो शासन को भेजी है उसके मुताबिक धान की फसल में 20 से 30 फीसद, बाजरा में 17-18 फीसद, उरद-मूंग में 20 फीसद तक नुकसान होने का जिक्र किया है। जून, जुलाई और अगस्त तक 400 मिलीमीटर औसत सामान्य वर्षा होनी चाहिए, लेकिन 226.7 मिमी वर्षा तीन माह में हुई है, जो 56.7 फीसद है। उपकृषि निदेशक ने बताया जिले को अति सूखा प्रभावित जिलों में शामिल कर लिया है। बारिश की कमी से फरह और मथुरा ब्लाक में खरीफ की फसलें अधिक प्रभावित हैं। इधर, सिंचाई विभाग भी किसानों को नहरी जल उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
तो मथुरा भी अति सूखा प्रभावित जिलों की लिस्ट में
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