वृंदावन : मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने शुक्रवार को सूरज घाट से आनन्द घाट तक ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जिसमे पांच भवन ध्वस्त किए गए। ध्वस्तीकरण की कार्यवाही एडीएम वित्त रविन्द्र कुमार के निर्देशन में की गई जिसमे चार जेसीवी मशीनों का इस्तेमाल किया गया। प्रशासन की कार्यवाही से लोगों में हड़कंप मच गया और वे मकानों को खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे। ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के दौरान अचानक छत जेसीबी मशीन के ऊपर जा गिरी, जिससे मशीन का आगे का हिस्सा दब गया। एमवीडीए की जेसीबी चालक परवेज मशीन से कूदकर खुद को बचाया।
मथुरा की आवाज़ द्वारा आम जनता के दर्द को प्रशासन तक पहुँचाने के बाद अब प्रशासन की नज़र खादर में जमीन बेचने वालों पर भी टेडी हो गयी है। यमुना खादर और यमुना और घाटों के बीच में लोगों को जमीन बेचने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस और एमवीडीए द्वारा उनकी पहचान कराई जा रही है। साथ ही उनके पिछले रिकार्ड भी खंगाले जाएंगे। अधिकारियों के सामने ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर यमुना तट पर निर्धनों को अवैध रूप से जमीन बेचने वाले कौन हैं ? उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?