मथुरा: दो अक्टूबर देश के दो महान सपूतों महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री की जन्मतिथि है। मथुरा स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में देश की दोनों धरोहरों के अस्थि कलश रखे हैं। लेकिन जयंती के मौके पर संग्रहालय में केवल बापू का अस्थि कलश दर्शन के लिए निकाला गया। शास्त्री जी का अस्थि कलश दर्शकों को देखने को नहीं मिल सका। गाँधी जी की मौत के बाद देश भर में उनकी अस्थियों को प्रवाहित किया गया इसी क्रम में एक कलश यमुना जी में प्रवाहित करने के लिए 12 फरवरी 1948 को मथुरा भेजा गया। जिलाधिकारी मथुरा के निर्देशन में अस्थियां विसर्जित कर दी गईं और खाली कलश को 1970 में राष्ट्रीय संग्रहालय को दे दिया गया ताकि सर्वजन इसे देख सके। आज दो अक्टूबर को हर साल की तरह इस बार भी राजकीय संग्रहालय में सोमवार को सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक कलश दर्शन के लिए रखा गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री का अस्थि कलश भी राष्ट्रीय संग्रहालय में है, लेकिन यह अस्थि कलश दर्शकों के लिए बाहर नहीं निकाला गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री का अस्थि कलश 1966 में यहां आया था। तब से कई बार इसे दर्शन के लिए रखा गया लेकिन इस बार इसे निकाला नहीं जा सका। इस दौरान डॉ. अशोक बंसल, डॉ. कृष्ण ओम, मनीष, हरीबाबू आदि उपस्थित थे।
संग्रहालय पर गाँधी जी के अस्थिकलश का दर्शन लेकिन नहीं निकल सका शास्त्री जी का अस्थिकलश
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