मथुरा: उसके माता पिता का कत्ल कर दिया गया था , वो न्याय की आस लगाए इस नेता से उस नेता , इस अधिकारी से उस अधिकारी के दरवाज़े खटखटा रही थी , उसे खुद की व छोटे भाई बहनों की हत्या का भी डर था , लेकिन हमारे देश का ये तंत्र उसकी एक न सुन पाया। काश कि हत्यारे समय रहते पकडे जाते , काश कि एक बेटी को अपने माता पिता के हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुँचाने में यूँ देर न होती, बस काश , अब तो ये काश शब्द ही बचा है। आखिर उस बेटी ने पुलिस-प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली। उसके सामने ऐसे हालात पैदा करने के लिए दोषी कौन है ? उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज क्यों न किए जाए ? ऐसे कई सवालों को जहन में सहेजे कई व्यक्ति राखी की आत्मा को शांति प्रदान करने हेतु इकठ्ठा हुए। राखी के सम्मान में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उसके घर जाकर श्रंद्धांजलि दी जिनमे समाजवादी पार्टी के संजय लाठर , तनवीर अहमद , आम आदमी पार्टी के अजय गौतम , राष्ट्रीय लोकदल से कुँवर नरेंद्र सिंह एवं राष्ट्रीय लोकराज पार्टी से मनोज चौधरी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
तो सिस्टम बना राखी की मौत का कारण
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