मथुरा: “श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट बिराज रह्यौ..”, “बोलिये गिर्राज महाराज की जय , पूँछरी के लौटा की जय “इत्यादि जयघोष के साथ शुक्रवार को ब्रज में गोवर्धन पूजा पारम्परिक रूप से संपन्न हुई। मंदिरों में अन्नकूट का प्रसाद वितरण किया गया। मंदिरों समेत सभी बृजवासियों के घरों में गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति को बनाया गया और उसमे गाय , ग्वाल बाल , सूरज चाँद , आदि आकर्षक रूप से सजाये गए। एक मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने इन्द्र देव के कोप से बचने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर उठाकर सभी बृजवासियों की रक्षा की थी। तभी से गोवर्धन पर्वत के हर हिस्से को भगवान श्री कृष्ण के अंग का हिस्सा माना जाता है। गोवर्धन के तीन प्रमुख मंदिरों दानघाटी मंदिर , मानसी गंगा का मुकुट मुख़ार बिन्द और जतीपुरा स्थित मुख़ार बिन्द में भी अन्नकूट को भव्यता के साथ मनाया गया।
ब्रज में यूँ संपन्न हुई गोवर्धन पूजा
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