मथुरा : प्रतिभा कहाँ सुविधा की मोहताज है ? गुदड़ी के लाल वाली कहावत को चरितार्थ किया है कृष्णगोपाल ने। कृष्णगोपाल के पिता पूरन सिंह वेल्डिंग के कारखाने में वेल्डर हैं लेकिंन तमाम बाधाएं भी बेटे कृष्णगोपाल के कदम नहीं रोक पाई। कृष्णगोपाल अपने पहले ही प्रयास में इसरो में चयनित हुए हैं। दरअसल कृष्णगोपाल बचपन से ही मेधावी छात्र थे। उन्होंने इंजीनियरिंग की शिक्षा पाने के बाद इसरो में वैज्ञानिक पद के लिए आवेदन किया। देश भर से ३ लाख से अधिक आवेदकों में से चयनित होकर कृष्णगोपाल ने समूचे ब्रज का नाम रोशन कर दिया है।
गुदड़ी के लाल का इसरो में चयन
0
Share.