मथुरा : गोकुल बैराज जमीन अधिग्रहण का मामला फिर से सुलग गया है। दरअसल 80 के दशक में गोकुल बैराज का निर्माण किया गया था। परियोजना निर्माण में दामोदरपुरा , औरंगाबाद , मुर्शिदपुर आदि गाँवों के कई दर्ज़न किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। परियोजना निर्माण के बाद से ही मुआवज़े को लेकर विवाद में घिरी रही। चार साल पहले भी मुआवज़े की माँग को लेकर किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो चुकी है जिसके बाद दामोदरपुरा के किसानों को मुआवज़े की रकम अदा कर दी गई जिसके बाद औरंगाबाद के किसानों ने भी मुआवज़े के लिए प्रयास शुरू कर दिए। लेकिन लगातार मिल रहे आश्वासनों के बाद किसानों का धैर्य जवाब दे गया। जिसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसानों ने शुक्रवार को बैराज स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर कार्यरत कर्मचारियों को बाहर निकाल कर प्लांट में तालाबंदी कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब ताला खुलवाने की कोशिश की तो धक्का मुक्की के बीच पथराव शुरू हो गया। जिसमे पुलिस के दो सब इंस्पेक्टर और दो सिपाही घायल हुए। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक नगर , क्षेत्राधिकारी नगर , नगर मजिस्ट्रेट के साथ भारी पुलिस बल मौके पर पहुँच गया और स्थिति को संभाला।
बता दें कि किसान इससे पूर्व जिला अधिकारी को भी ज्ञापन दे चुके थे लेकिन कोई कार्यवाही न किये जाने के बाद उनका धैर्य जवाब दे गया और पूर्व निर्धारित तरीके से उन्होंने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की शांतिपूर्वक तालाबंदी की। किसानों की चार प्रमुख माँगे हैं ; अधिग्रहित जमीन का मुआवज़ा वर्तमान रेट से दिया जाए , जमीन देने वाले एक परिवार को नौकरी , निष्प्रयोज्य जमीन किसानों को वापस की जाए , पट्टो की जमीन को बहाली कर मुआवज़ा दिया जाए।
गोकुल बैराज मुआवज़े का मामला फिर सुलगा , किसानों का पुलिस पर पथराव , चार घायल
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