आगरा : दरअसल कुछ दिन पूर्व टूंडला से एक ग्रामीण अपनी पत्नी को लेकर इमरजेंसी के लिए निकला लेकिन रास्ते में एम्बुलेंस चालक द्वारा एस एन की इमरजेंसी की जगह एक निजी अस्पताल अर्श नर्सिंग होम में भर्ती कर दिया था। भोले भाले ग्रामीणों को पता ही नहीं था कि वे इमरजेंसी में नहीं बल्कि एक निजी नर्सिंग होम के जाल में फँस चुके हैं। उनके पैरों तलें जमीन जब खिसकी जब अस्पताल संचालकों ने १ लाख ६५ हज़ार का बिल उनके हाथ में थमा दिया। ग्रामीणों ने इसके विरोध में सांसद राम शंकर कठेरिया से लेकर मंत्री एस पी सिंह बघेल तक से संपर्क साधा। लेकिन अस्पताल संचालक बिल वसूली पर अडिग रहा। जिसके बाद आगरा के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर से शिकायत की गई तो पता चला कि अमुक अस्पताल पंजीकृत ही नहीं है। जिसके बाद हरकत में आये स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की जिसमे तीन अस्पतालों अर्श अस्पताल नेहरू नगर , दिव्यांशी अस्पताल पश्चिम पूरी , अनमोल अस्पताल मंडी समिति को सील कर दिया गया।
आगरा में अस्पतालों में छापेमारी , तीन अस्पताल सील
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