निर्भया रेप केस के चारों दोषियों को फांसी से बचाने के लिए वकील एपी सिंह के द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का रुख अपनाया गया लेकिन इनमें एक भी काम नहीं आया । तिहाड़ जेल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जब चार दोषियों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया । इससे पहले 1982 तिहाड़ जेल में दो अपराधियों रंगा-बिल्ला को एक साथ फांसी दी गई थी ।
निर्भया के चारों दोषियों विनय-मुकेश-पवन-अक्षय को फांसी देने के लिए तिहाड़ के फांसी घर के कुएं को चौड़ा किया गया था । जिस जेल में ये चारों ठहरे थे, उससे कुछ सौ कदम की दूरी पर फांसी घर है जहां कड़ी सुरक्षा में उन्हें ले जाया गया और फिर फांसी के फंदे पर लटकाया गया ।